Hindi sex kahaniya 24

Hindi sex kahaniya for free. Hot bhabhi, aunty, girlfriend, incest, jija sali, maid servant chudai stories padh kar apni antarvasna ko shant karen.

लॉकडाउन में पुरानी क्लासमेट डॉक्टर की गांड मारी

दोस्तो, मैंसंजीव कुमारएक बार फिर से आपकी सेवा में हाजिर हूँ.

मेरी पिछली सेक्स कहानी

लॉकडाउन में पुरानी क्लासमेट डॉक्टर से सेक्स

में अब तक आपने पढ़ा था कि मैंने कैसे पुरानी क्लासमेटप्राची की चूतके मजे लिए और जब वो चुदने के बाद बाथरूम की ओर जाने लगी, तो उसकी मस्त गदराई हुई गांड, मांसल चूतड़ देखकर मेरा लंड फिर से झटके मारने लगा था. अब मेरा मन तो उसकी मदमस्त गांड में सात इंच का लंड उतारने का हो रहा था.

अब आगे किचन सेक्स ऐस फक कहानी:

मैं प्राची के पीछे बाथरूम की तरफ ही जा रहा था कि तभी मेरे फोन की घंटी बजी.

तो मैं हॉल में फोन की तरफ चला आया, देखा तो प्राची के पति मनीष का कॉल था.

प्राची की मटकती गांड देखकर मेरा लंड पहले से ही खड़ा था और मैं उसी हालत में मनीष से फोन पर बात कर रहा था.

तभीप्राची बाथरूम से आयीतो मैंने उसे चुप रहने का इशारा किया.

उसकी नजर मेरे खडे लंड पर गयी तो उसकी आंखों में भी मुझे वासना दिखाई दी.

मैंने फोन पर मनीष से कहा- तुम प्राची और अपनी बेटी की जरा भी टेंशन ना ले भाई. मैं उन दोनों की अच्छे से देखभाल करूंगा.

ये बोल कर मैंने फोन काट दिया.

प्राची मेरे नजदीक आकर मेरे लंड को सहलाती हुई पूछने लगी- किसका फोन था?

मैंने उसे मनीष के फोन के बारे में बता दिया.

प्राची नीचे बैठती हुई मुझसे बोली- हा हा बता देते ना कि देखभाल कैसी चल रही है.

मैं हंस पड़ा.

तबप्राची लंड सहलाती हुई बोली- तुम्हारे इस चूहे को तो जरा भी चैन नहीं है. अभी दस मिनट पहले मेरी चूत में इसने तूफान मचाया हुआ था और अब फिर से तैयार हो गया है.

मैंने मन में सोचा कि साली अभी बता देता हूँ कि ये चूहा है या शेर है. अभी ये भी हॉट हो गई है लोहा गर्म है, क्या पता आज इसकी गांड मारने भी मिल जाए.

मैंने प्राची से कहा- चूहे ने दूसरा छेद भी देख लिया है न इसलिए इतना फनफना रहा है. बाथरूम जाते वक्त तुम्हारी मदमस्त गांड देखने के बाद से ये इसी हालत में खड़ा है. अब तो तुम्हीं कुछ कर सकती हो.

प्राची ने शुरूआत में नानुकुर की, थोड़ा सा झूठ-मूठ का गुस्सा भी दिखाया.

लेकिन फिर वो मेरे लंड पर थूक लगाती हुई मेरा लंड हिलाने लगी.

वो बोली- यार,मैंने कभी गांड मरवाई नहीं है,मनीष का तो तुम्हें पता ही है, उसे इस सबमें इतना इंटरेस्ट नहीं है. ऊपर से तुम्हारा ये चूहा इतना बड़ा है मेरी तो फाड़कर रख देगा.

प्राची का बदला हुआ रंग देखकर मैं समझ गया कि इसका मन तो बहुत है लेकिन थोड़ा सा डर रही है.

मैं अपना लंड उसके मुँह के पास ले गया तो वो समझ गयी और होंठ खोल कर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी.

मैं धीरे धीरे अपना लंड उसके मुँह में अन्दर बाहर किए जा रहा था. मुझे लंड चुसवाने में इतना आनन्द आ रहा था कि बस पूछो मत.

उसके मुँह कोचोदते चोदतेमैंने प्राची से कहा- हम धीरे धीरे करेंगे. अगर तुम्हें दर्द हुआ, तो मैं लंड निकाल लूंगा.

वो राजी हो गयी.

थोड़ी देर मुँह चोदने के बाद मेरा छूटने वाला था तो मैंने प्राची के सिर को पीछे से पकड़ कर जोर जोर से चोदना शुरू कर दिया.

वो भी समझ गयी कि मैं अभी झड़ने वाला हूँ.

मैंने पूरा लंड उसके मुँह में ठूंस दिया और रस झाड़ने लगा.

मेरा लंड उसके गले तक उतरा हुआ था तो लंड से निकली हुई वीर्य की सारी पिचकारियां एक एक करके सीधे उसके गले से नीचे उतर रही थीं.

यहां प्राची की आंखों से आंसू निकल रहे थे और वहां मेरा वीर्य गले से होता हुआ उसके पेट में जा रहा था.

वीर्य की पिचकारियों के बाद जब मेरा लंड खाली हुआ, तब जाकर मैंने अपना लंड उसके मुँह से बाहर निकाला.

प्राची की सांस थोड़ी फूल गयी थी. उसने सांसें ठीक की और मुझे मारने लगी.

लेकिन फिर से मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस कर साफ करने लगी.

प्राची ने अपनी चूत की ओर इशारा किया, तो मैं समझ गया कि डॉक्टर साहिबा क्या चाहती हैं.

मैंने उसको उठाकर सोफे पर बिठाया, उसके दोनों पैर फैलाए और झुक कर उसकी प्यारी सी पाव रोटी की तरह फूली हुई चूत को मुँह में लेने ही वाला था कि उसकी बेटी उठकर रोने लगी.

प्राची सोफे से उठकर अन्दर बेटी के पास चली गयी.

मैंने घड़ी में देखा तो दोपहर के दो बज गए थे.

इसकामक्रीड़ामें तो वक्त का पता ही नहीं चला था.

मैंने अपनी शॉर्टस और टी-शर्ट पहनी और अपने घर जा ही रहा था.

तभी मुझे फिर से एक सवाल ने घेर लिया.

मैं प्राची के बाहर आने तक वहीं सोफे पर बैठा रहा.

तभी प्राची बेटी को लेकर बाहर आ गयी.

वो अभी भी बिना कपड़ों की ही थी, तो मैंने ना चाहते हुए भी उससे मेरा वीर्य बोतल में जमा करने के बारे में पूछा.

वो बोली कि मुझे उसको फर्टिलिटी टेस्ट के लिए भेजना है, इसलिए मैंने तुम्हारा वीर्य बोतल में स्टोर करके रखा है.

लेकिन वो टेस्ट करके क्या करेगी, इस सवाल के जवाब में उसने कहा कि वो बाकी सब मैं बाद में बताऊंगी.

ये बोल कर प्राची ने मुझे एक किस कर दी.

फिर जाते जाते मैंने भी उसके एकमम्मे को अपने मुँह में लेकर चूसा.

उसके दूध का थोड़ा सा स्वाद लेते हुए शाम को आता हूँ बोल कर मैं अपने घर चला आया.

मेरे वीर्य का टेस्ट करने का लेकर प्राची के दिमाग में क्या था, मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था.

यूं ही दिन बीतते गए.

रोज सुबह शाम प्राची के अमृत कलशों से दूध पीना और जब मन करे, तो उसकी चूत चोदना.

कभी बस चूत को चाट कर वोडका जैसे स्वाद वाला उसका पानी पीना, ये अब रोज का सिलसिला बन गया था.

मेरालॉकडाउनतो बड़े मजे में जा रहा था.

एक दिन जब शाम को मैं प्राची के घर गया तो वो किचन में खाना बना रही थी.

मैंने पीछे से जाकर उसकी लोवर नीचे खींच दी और सीधे उसकी चूत को चूसने लगा.

अचानक हुए इस हमले से पहले तो प्राची थोड़ी चिहुंक उठी लेकिन फिर उसे भी मजा आने लगा.

पीछे से उसकी चूत के फूले हुए होंठों के बीच वाली दरार में मैं अपनी जीभ को ऊपर से नीचे तक घुमाने लगा.

प्राची की चूत कुछ ही पलों में पानी छोड़ने लगी थी और मैं उसकी चूत से निकलने वाले पानी को सरप सरप करके पीने लगा था.

कभीउसकी मदमस्त टाईट गांडमें एक उंगली डालने की कोशिश करता लेकिन उसकी गांड बहुत ही टाईट थी.

मैंने उंगली को उसकी चूत के रस में भिगोया और उसकी गांड में सरका दी तो प्राची चिहुंक उठी और मेरी ओर देखने लगी.

उसकी आंखों से मौन स्वीकृति मिलते ही मैंने उंगली को और अन्दर धकेला और अन्दर बाहर करने लगा.

प्राची अब गर्म हो चुकी थी और आज मेरा मन उसकी अनचुदी गांड मारने का हो रहा था.

मैंने प्राची को किचन के प्लेटफॉर्म पर ही थोड़ा झुकाया और अपने लंड का सुपारा उसकी गांड की छेद पर रख दिया.

मैं लंड अन्दर पेलने के लिए जोर लगाने लगा लेकिन लंड फिसल गया.

एक दो बार कोशिश करने के बाद भी लंड का सुपाराप्राची की गांडमें नहीं जा रहा था.

प्राची ने मुझे रोका और खुद ही जाकर बेडरूम से क्रीम लाकर मेरे पूरे लंड पर लगा दी.

फिर अपनी गांड के छेद पर मुझे लंड लगाने के लिए बोली.

मैंने थोड़ी सी क्रीम उंगली पर लगाकर प्राची की गांड में उंगली ठूंस दी और गोल गोल फिराकर उसकीगांड में क्रीम लगा दी.

फिर से लंड का सुपारा उसकी गांड के छेद पर रखते हुए उसी ताकत के साथ झटका दिया तो इस बार क्रीम की वजह से मेरा आधे से ज्यादा लंड प्राची की अनचुदी गांड में सरसराता हुआ उतर गया.

इस झटके की वजह से प्राची कराह उठी.

उसकी आंखों से आंसू टपकने लगे और वो मुझसे छूटने का प्रयास करने लगी.

लेकिन सामने किचन का प्लेटफॉर्म अवरोध बना हुआ था और पीछे से लंड उसकी गांड में डाले हुए मैं खड़ा था तो प्राची खुद को छुड़वा ना सकी.

थोड़ी देर तक मैं वैसे ही खड़ा रहा और प्राची की नंगी गोरी पीठ को चाटता रहा. कभी उसकी गर्दन पर, कभी उसके कान के पास किस कर देता, तो कभी दोनों हाथों से उसके मम्मों को सहला देता, तो कभी निप्पल्स को दो उंगलियों में पकड़कर मसल देता.

जब धीरे धीरे प्राची का दर्द कम हुआ तो उसने खुद ही अपनी गांड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया.

अब मैं भी लंड को जितना अन्दर गया था, उतना ही अन्दर बाहर करने लगा.

प्राची को भी गांड मरवाने में मजा आने लगा था, उसके मुँह से भी मादक सिसकारियां निकल रही थीं.

मुझे समझने में देर ना लगी कि अब प्राची एक और झटके के लिए तैयार है.

मौके को समझ कर लंड को पूरा बाहर खींचकर फिर से एक और झटका दे मारा.

इस बारमेरा सात इंच का लंडपूरा का पूरा प्राची की गांड में उतर गया.

फिर से एक बार प्राची की चीख निकली, उसकी आंखों से आंसू बहने लगे लेकिन इस बार ना तो उसने मुझे रोकने की कोशिश की और ना ही खुद को छुड़वाने की.

बस एक गाली देती हुई बोली- भैनचोद, थोड़ा आराम से पेल मनीष के आने तक तुझे ही चढ़ना है मेरे ऊपर, मैं कहीं नहीं जा रही!

उसके मुँह से गाली सुनते ही मेरा लंड उसकी गांड में ही फूल गया और उसकी टाईट गांड मुझे और ज्यादा टाईट लगने लगी.

मैं अब धीरे धीरे लंड को उसकी गांड में आगे पीछे कर रहा था.

लंड के नीचे लटकने वाली मेरी गोटियां प्राची की चूत पर जाकर टकरा रही थीं.

मेरी टांगें उसके चूतड़ों पर टकराने से फच फच की लयबद्ध आवाज पूरे किचन में गूंज रही थी.

कोई 30-40 धक्कों के बाद प्राची ने मुझसे पोजीशन चेंज करने के लिए बोला.

मैंने गांड से लंड को बाहर निकाला तो फच्छ की आवाज के साथ लंड बाहर आ गया.

किचन सेक्स के बाद मैं प्राची को गोद में उठाते हुए हॉल में ले आया.

बच्ची को बेडरूम में सुलाया हुआ था, इस वजह से हम बेडरूम का इस्तेमाल नहीं कर सकते थे.

लेकिन प्राची के हॉल में जो सोफा था, उसका बेड भी बनाया जा सकता था.

हॉल में आते ही प्राची को नीचे खड़ा करके मैंने सोफे को खींचकर बेड में तब्दील कर दिया.

प्राची समझ गयी कि उसे क्या करना है.

वो बेड पर आकर पीठ के बल लेट गयी. मैं उसके ऊपर चढ़कर उसकेनाजुक मुलायम होंठों को चूसने लगा.

फिर धीरे धीरे उसके उरोजों पर आकर दूध की एक दो चुस्कियां लगाते हुए उसके पैरों को मोड़ दिया.

अपने लंड को उसकी गांड के छेद पर सैट करके एक ही झटके में पूरा का पूरा लंड उसकी गांड में उतार दिया.

उसकी एक मादक आह निकली और उसने लंड गांड में खा लिया.

फिर मैं प्राची की मदमस्त गांड चोदने लगा.

इस पोजीशन में मैंचोदते चोदतेजब चाहता तो प्राची के उरोजों से दूध पी लेता.

प्राची बस कामुक सिस्कारियां ले रही थी और अपनी चूत को सहला रही थी.

इस बीच वो एक बार झड़ी भी थी और अब वो थकावट महसूस कर रही थी.

मैंने भी अब अपने धक्के तेज कर दिए थे और कुछ बीस धक्कों के बाद मैंने पूरा लावा प्राची की गांड में उगल दिया.

मेरे गर्म लावे का अहसास प्राची को इतना ज्यादा हुआ कि उसकी चूत ने एक और बार पानी छोड़ दिया.

मैं थक कर प्राची के ऊपर ही गिर पड़ा.

हम दोनों अपनी अपनी सांसों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे थे.

फिर न जाने कब आंख लग गयी.

जब मैं उठा तो रात के नौ बज चुके थे.

प्राची भी बेड पर नहीं थी, शायद मुझे अपने ऊपर से हटाकर वो उठकर बेडरूम में चली गयी होगी.

मैं उठकर बेडरूम में चला आया तो देखा प्राची बच्ची को दूध पिला रही थी.

मुझे देख कर उसने खुद ही मुझे दूध पीने का निमंत्रण दे दिया.

वैसे भी मुझे भूख लगी थी और मैं निमंत्रण का इंतजार भी नहीं करने वाला था.

सीधे जाकर मैंनेप्राची के मस्त गुलाबी निप्पलको मुँह में भर लिया और उसके उरोजों से दूधपान करने लगा.

उसका दूध जैसे जैसे गले से नीचे उतर रहा था, वैसे वैसे मेरा लंड फिर से खड़ा होने लगा था.

प्राची ने मेरे लंड पर धीरे से एक चपत लगाते हुए कहा- अब आज कुछ नहीं मिलेगा तुम्हारे इस चूहे को. चुपचाप पेटभर दूध पी लो और घर जाओ. पहले से ही गांड फाड़ रखी है.

मैं चुपचाप दूध पीता रहा.

तब तक उसकी बेटी भी सो चुकी थी तो अब मैंने उसके दूसरेउरोज को मुँह में भर लियाऔर दूध पीने लगा.

जब मेरा पेट भर गया, तब मैंने प्राची को बोला- गांड फड़वाकर लंड लेने में तुम्हें मजा भी तो आया था. ऐसे ही थोड़े गांड फाड़ने देती तुम.

वो हंस कर बोली- हां मजा तो बहुत आया लेकिन अब दर्द भी हो रहा है.

मैंने उठकर उसे एक पेनकिलर खाने के लिए दी, साथ ही फ्रिज से उसी के दूध की बोतल लाकर उसको थमा दी.

उसने दूध के साथ पेनकिलर लेकर बोतल का पूरा दूध पी लिया.

अब जो सवाल मेरे दिमाग में बचा था, वो ये था कि प्राची इतने सारे स्टोर किए हुए दूध का करती क्या है.

मेरे पूछने पर उसने बताया कि डॉक्टर होने की वजह से उसके पास ऐसे बहुत सी महिलाएं आती हैं, जिनके उरोजों से दूध की मात्रा ना के बराबर होती है, तो वो ऐसी महिलाओं को उनके बच्चों के लिए दूध दे देती है और साथ में ये भी बताया कि कुछ ऐसे भी लोग आते हैं, जिनको दूध पीने की इच्छा रहती है, तो वो उन्हें भी दूध की सप्लाई करती है, लेकिन अब लॉकडाउन की वजह से वो किसी को दूध नहीं दे पा रही है.

ये सब मेरे लिए नया मसला था, तो मेरा दिमाग चकराने लगा.

मेरे चेहरे के भाव देखकर प्राची बोली- संजू तुम ज्यादा मत सोचो, तुम बस और दूध पीने की तैयारी रखो.

मैं कुछ समझा नहीं, तो प्राची से पूछा.

उसने बताया- मेरी एक सहेली है स्वाति, जिसे मैंने तेरे बारे में बताया है. वो साली बस ये सब सुनकर ही गर्म हो गयी थी और उसे तुमसे मिलना है.

मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि ये क्या चल रहा है, कौन सा छप्पर फटा है.

प्राची और मेरी कामक्रीड़ा में आगे क्या क्या हुआ,स्वाति को मैं मिला या नहीं, ये जानने के लिए पढ़ते रहें.

मेरी किचन सेक्स ऐस फक कहानी पर अपने मेल जरूर भेजें.

137 Puntos de vista
loading...